सुमित मोहन / महराजगंज। शोले के बसंती से "हां" कहलवाने के लिए वीरू के पानी के टंकी पर चढ़ने की रोमांचक दृष्य आज भी लोगों को याद है, उन्हें जिन्होंने इस फिल्म को देखी है। यह घटना तो रूपहले पर्दे का एक नाटक है। आज तो अपनी "बसंती" के जरा सा रूठ जाने पर वीरू भाइयों के टंकी और टावर पर चढ़ जाने की जीती जगती घटनाएं आए दिन देखने सुनने को मिल रही है।
ऐसा ही एक "वीरू"अपनी बसंती के रूठकर मायके चली जाने से मोबाइल फोन के टावर पर चढ़ गया। पुलिस से लेकर आसपास के लोगों के मनुहार पर वह किसी तरह नीचे उतरा। मामला महराजगंज जिले के फरेंदा थाना क्षेत्र के करहिया गांव का है। यह गांव फरेंदा महराजगंज मार्ग पर स्थित है। बताते हैं कि गांव का युवक राघवेंद्र यादव की पत्नी सुलोचना नाराज होकर दो दिन पहले मायके चली गई थी। इधर जब पति के टावर पर चढ़कर आत्महत्या करने की धमकी की सूचना उस तक पंहुची तो वह भागी भागी ससुराल में उस टावर के पास पहुंची जिसपर उसका वीरू चढ़ा चिग्घाड़ रहा था। पत्नी को देख वह बिफर पड़ा और जोर जोर से कहने लगा तूं भाग यहां से तभी उतरूंगा।बेचारी डरी सहमी घर चली गई। 160 फीट ऊंचे टावर पर चढ़े इस वीरू को नीचे उतारने की कोशिश देर शाम तक चली।
अंत में उसने अपने दोस्त संजय को फोनकर कहा कि वह तभी उतरेगा जब पुलिस वहां से चली जाएगी। बहरहाल मौके पर मय फोर्स पंहुचे स्थानीय थाने के इंस्पेक्टर गिरजेश उपाध्याय हमराहियों के साथ मौके से कुछ दूर छिप गए। देर शाम करीब आठ बजे वह टावर से नीचे उतरा। उसके उतरते ही पुलिस उसे चारों ओर से घेर ली। उसे थाने ले जाया गया जहां पत्नी से विवाद की बात सामने आई। राघवेंद्र यादव तीन भाइयों में सबसे छोटा है। इसका बड़ा भाई देवेन्द्र ट्रैक्टर चलाता है दूसरे नम्बर का भाई शिवेन्द्र यादव सिपाही है। राघवेंद्र के पिता इसको करहिया चौराहे पर ही इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान खुलवा दिये हैं।
30 मार्च को अचानक राघवेंद्र दिन में दो बजे जीओ कंपनी के160 फिट ऊंचे टावर पर चढ़ गया। इस सूचना पर तत्काल फरेंदा कोतवाली प्रभारी गिरजेश उपाध्याय बड़ी संख्या में फोर्स लेकर मौके पर पहुँच गये। उसके बाद देर शाम तक बड़ी मशक्कत से उसे टावर से नीचे उतारने में सफलता मिली।
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